RPSC में नवाचार से हुई 2 करोड़ की बचत:1 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स ने लिया आवेदन वापस, 14 के खिलाफ कार्रवाई भी की

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की ओर से निकाली गई 44 भर्तियों में आवेदन करने वाले एक लाख 14 हजार 736 कैंडिडेट्स ने आवेदन विड्रॉ कर लिए हैं। आयोग की ओर से किए गए इस नवाचार से कई सेंटर कम बनाने पड़े। ऐसे में आयोग को समय और धन की बचत हुई। एक केंद्र पर 50 हजार का खर्चा होता है। माना जा रहा है कि ऐसे में दो करोड़ की बचत हुई है। 44 भर्ती में कैंडिडेट्स ने आवेदन विड्रॉ किए पारदर्शी, कुशल और समयबद्ध भर्ती तंत्र आयोग अध्यक्ष उत्कल रंजन साहू ने इस पहल को समयबद्ध भर्ती तंत्र बनाने की दिशा में एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि अनावश्यक आवेदनों के बोझ से मुक्ति मिलने के कारण, आयोग अब बचे हुए योग्य उम्मीदवारों की स्क्रूटनी और अंतिम चयन प्रक्रिया को अत्यधिक तेजी से पूरा करने में सक्षम हो पाया है। आरपीएससी का यह कदम एक पारदर्शी, कुशल और समयबद्ध भर्ती तंत्र की स्थापना की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ है, जिसे अन्य भर्ती संस्थाओं द्वारा भी अपनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जिन अभ्यर्थियों द्वारा वांछित योग्यता न होने पर भी आवेदन वापस नहीं लिया गया है, उन पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पूर्व में भी आयोग द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर (संस्कृत कॉलेज शिक्षा विभाग) भर्ती-2024 अन्तर्गत योग्यता नहीं होते हुए भी आवेदन करने एवं इस संबंध में चेतावनी तथा अवसर देने के बावजूद आवेदन विदड्रॉ नहीं करने वाले 14 आवेदकों के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 217 के तहत सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया है। संसाधनों की बचत और प्रशासनिक लाभ आयोग सचिव रामनिवास मेहता ने कहा कि यह नवाचार केवल वित्तीय बचत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके प्रशासनिक और प्रक्रियात्मक लाभ भी महत्वपूर्ण हैं। लाखों की संख्या में अवांछित आवेदनों को प्रारंभिक चरण में ही बाहर कर देने से, प्रश्न-पत्र छपाई, परीक्षा केंद्र प्रबंधन, परीक्षा सत्र निर्धारण और अन्य प्रशासनिक कार्यों पर होने वाले करोड़ों रुपए के सार्वजनिक व्यय की भारी बचत हुई है। न्यूनतम वांछित शैक्षणिक योग्यता धारक ही आवेदन करें आवेदन निशुल्क होने से अनेक अभ्यर्थी अपनी शैक्षणिक योग्यता की जांच किए बिना भर्ती हेतु आवेदन कर देते हैं, जिससे अकारण सार्वजनिक धन, समय एवं श्रम संसाधनों का अपव्यय होता है। इसलिए आयोग की यह अपील है कि भर्ती विज्ञापन का भली-भांति अवलोकन करने के बाद विज्ञापन में उल्लेखित न्यूनतम वांछित शैक्षणिक योग्यता रखने वाले एवं परीक्षा में उपस्थित होने वाले अभ्यर्थी ही आवेदन करें, ताकि परीक्षाओं का आयोजन निर्बाद्ध गति एवं समयबद्ध रूप से हो सके।

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