केंद्रीय कर्मचारियों के 12 लाख मेल Zoho पर शिफ्ट हुए:अमेरिका से लौटे श्रीधर वेम्बू ने बनाई कंपनी, IIT से BTech-प्रिंसटन से PhD हैं, जानें प्रोफाइल

भारत सरकार ने 7 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों के लगभग 12.68 लाख ईमेल अकाउंट्स को nic से हटाकर प्राइवेट कंपनी ZOHO के प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट कर दिया है। यहां तक कि प्रधानमंत्री कार्यालय और गृहमंत्री अमित शाह का ऑफिशियल मेल भी अब ZOHO पर है। हालांकि, पुराने gov.in और nic.in डोमेन का इस्तेमाल जारी रहेगा। साथ ही डेटा का स्वामित्व सरकार के पास रहेगा। इस निर्णय के साथ ही 7.45 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के ईमेल अकाउंट्स का स्टोरेज, एस्केस और प्रोसेस सब कुछ ZOHO के नियंत्रण में आ गया है। ZOHO कंपनी और इसके फाउंडर श्रीधर वेम्बू दोनों भारतीय हैं। वेम्बू एक अरबपति उद्योगपति हैं और ZOHO Corporation के संस्थापक और पूर्व CEO हैं। अमेरिकी मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों की नौकरी छोड़कर वो बिना किसी शोर शराबे, दिखाने के गांव में रहते हैं। गांव से ही अपनी करोड़ों की कंपनी चलाते हैं। वेम्बू का जन्म तमिलनाडु के तंजावुर जिले के एक मध्यमवर्गीय तमिल हिंदू परिवार में हुआ था। वेम्बू ने अमेरिका के कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली से अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने सॉफ्टवेयर कंपनी क्वालकॉम (Qualcomm) में वायरलेस इंजीनियर के रूप में काम किया। Qualcomm में रहते हुए वो सैन फ्रांसिस्को बे एरिया चले गए और फिर सैन होजे तथा प्लेजैनटन में रहे। 1996 में ZOHO Corporation की शुरुआत की साल 1996 में वेम्बू ने अपने दो भाइयों और मित्र टोनी थॉमस के साथ मिलकर ‘एडवेंटनेट (AdventNet)’ नाम की एक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी की शुरुआत की। ये कंपनी नेटवर्क सॉल्यूशन प्रोवाइड करती थी। साल 2009 में इसी कंपनी का नाम बदलकर ‘ZOHO Corporation’ रखा गया। इसी साल ZOHO ने क्लाउड-आधारित SaaS (Software as a Service) मॉडल पर काम शुरू किया। इसके अलावा, कंपनी कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (CRM) और अन्य दूसरे सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन प्रोवाइड करने लगी। धीरे-धीरे ZOHO भारत की लीडिंग सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट कंपनी और क्लाउड में उभरती हुई अग्रणी कंपनी बन गई। साल 2016 तक इस कंपनी में 3000 से ज्यादा एम्‍पलॉई काम करने लगे थे। ZOHO आज दुनिया की अग्रणी SaaS कंपनियों में से है और पूरी तरह से बूटस्ट्रैप्ड यानी बिना बाहरी निवेश के विकसित हुई है। अमेरिका छोड़कर तमिलनाडु के गांव में बसे 2019 में वेम्बू अमेरिका छोड़कर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु के बजाय तमिलनाडु के तेनाकासी जिले के एक छोटे से गांव में बसने का निर्णय लिया। उन्होंने वहीं से ZOHO को चलाना शुरू किया। उनका मानना है कि भारत के गांव भी टेक्नोलॉजी और रोजगार का केंद्र बन सकते हैं। आज ZOHO के कई दफ्तर छोटे-छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों में हैं। माइक्रोसॉफ्ट और गूगल को दे रहें टक्कर ZOHO ने सिर्फ Arratai ही नहीं बल्कि माइक्रोसॉफ्ट और गूगल को टक्कर देने के लिए कई सॉफ्टवेयर और एप्स बनाए हैं। अब ZOHO के 50 से ज्यादा क्लाउड-बेस्ड सॉफ्टवेयर को 180 से ज्यादा देशों में 1 करोड़ से ज्यादा आबादी इस्तेमाल कर रही है। ईमेल, अकाउंटिंग, CRM और HR मैनेजमेंट जैसे सेक्टर में इसका खूब इस्तेमाल हो रहा है। भारत के 39वें सबसे अमीर व्यक्ति बने 2024 में फोर्ब्स के अनुसार, वे भारत के 39वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं, जिनकी संपत्ति लगभग 5.85 बिलियन डॉलर आंकी गई। 2024 की फोर्ब्स सूची में वेम्बू और उनके भाई-बहन मिलकर भारत के 100 सबसे अमीर लोगों में 51वें स्थान पर रहे। पत्नी ने तलाक की अर्जी दायर की वेम्बू की पत्नी प्रमिला एक कुशल शिक्षाविद थीं और परिवार के बिजनेस में सक्रिय रूप से शामिल थीं। दोनों का का एक बेटा है, जिसका नाम सिद्धु है। सिद्धु ऑटिज्म (मानसिक बीमारी) से पीड़ित है। साल 2019 में वेम्बू अमेरिका छोड़ भारत आ गए। लेकिन प्रमिला अपने बच्चे के साथ अमेरिका में ही रहती रहीं। ऐसे में दोनों के बीच बातचीत कम हो गई और दूरी आने लगी। प्रमिला ने 2020 में तलाक के लिए आवेदन दिया। उनका दावा है कि भारत में सैटल होने के बाद वेम्बू ने उन्हें और उनके बेटे सिद्धु को भावनात्मक रूप से नजरअंदाज किया। साथ ही प्रमिला ने वेम्बू पर आरोप लगाया कि उन्होंने तलाक समझौते में एसेट्स बांटने से बचने के लिए अपनी कुछ फाइनेंशियल एसेट्स को छुपाया। हालांकि, वेम्बू ने सभी आरोपों को नकार दिया और कहा कि उन्होंने हमेशा अपनी पत्नी और बेटे का समर्थन किया। साथ ही उनके खर्चों और चिकित्सा उपचारों के लिए बड़ी रकम ट्रांसफर की। —————————- ये खबर भी पढ़ें… वेनेजुएला की मारिया कोरीना मचाडो को नोबेल पीस प्राइज: लोकतंत्र की लड़ाई के लिए मिला सम्‍मान, राष्‍ट्रपति शावेज को चोर कहा था; जानें प्रोफाइल वेनेजुएला की लीडर ऑफ अपोजीशन और नोबेल पीस प्राइज विनर मारिया कोरीना मचाडो बुधवार, 10 दिसंबर को तकरीबन 11 महीने बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आईं। वो नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में एक होटल की बालकनी से अपने समर्थकों को हाथ हिलाकर अभिवादन करती दिखीं। पढ़ें पूरी खबर…

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