बांग्लादेश प्रीमियर लीग में कोच का निधन:ढाका कैपिटल्स के मैच से पहले मैदान पर गिरे; CPR के बाद अस्पताल में मृत घोषित

बांग्लादेश प्रीमियर लीग (BPL) में ढाका कैपिटल्स के सहायक कोच महबूब अली जाकी का शनिवार को अचानक निधन हो गया। वे सिलहट इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में राजशाही वॉरियर्स के खिलाफ अपनी टीम के पहले मैच से कुछ मिनट पहले अचानक मैदान पर गिर पड़े। टीम स्टाफ और मेडिकल टीम ने तुरंत उन्हें CPR दिया और एंबुलेंस से अल हरामैन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) के मुख्य चिकित्सक देबाशीष चौधरी ने मौत की पुष्टि की। पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं
इस अचानक घटना से स्टेडियम में मौजूद सभी लोग स्तब्ध रह गए। टीम अधिकारियों के मुताबिक, जाकी ने इससे पहले किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या की शिकायत नहीं की थी। घटना की खबर फैलते ही कई BPL टीमों के खिलाड़ी अस्पताल पहुंचे। सिलहट टाइटन्स, नोआखाली एक्सप्रेस और चटग्राम रॉयल्स के खिलाड़ी अल हरामैन अस्पताल गए। तस्कीन अहमद के साथ काम किया
जाकी उस समय चर्चा में आए थे जब 2016 में भारत में हुए टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान तस्किन अहमद के गेंदबाजी एक्शन पर सवाल उठे थे और उन्होंने तस्किन के साथ मिलकर काम किया था। BCB ने शोक संदेश में कहा कि, BCB को गेम डेवलपमेंट के स्पेशलिस्ट पेस बॉलिंग कोच महबूब अली जाकी के निधन पर गहरा दुख है। वे 59 वर्ष के थे। जाकी पूर्व तेज गेंदबाज थे
महबूब अली जाकी बांग्लादेश के पूर्व तेज गेंदबाज थे। उन्होंने नेशनल क्रिकेट चैंपियनशिप में कुमिला जिले का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा वे ढाका प्रीमियर डिविजन क्रिकेट लीग में अबाहानी और धनमंडी जैसे बड़े क्लबों के लिए भी खेले। खेल से संन्यास के बाद जाकी ने कोचिंग और खिलाड़ियों के विकास के लिए खुद को समर्पित कर दिया। वे 2008 में हाई परफॉर्मेंस कोच के रूप में BCB से जुड़े और देश में तेज गेंदबाजी के विकास में अहम योगदान दिया। BCB ने उनके परिवार, दोस्तों और पूरे क्रिकेट समुदाय के प्रति गहरी संवेदना जताई है और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। बांग्लादेश को U-19 वर्ल्ड कप जिताया
महबूब अली जकी बांग्लादेश क्रिकेट में लंबे समय से जुड़े थे और कई खिलाड़ियों के मेंटर रहे थे। वे बांग्लादेश की उस टीम के कोचिंग स्टाफ का भी हिस्सा थे, जिसने साल 2020 में ICC अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था, जो बांग्लादेश की पहली और इकलौती ICC ट्रॉफी भी है।

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